
मोटापे से संबंधित कैंसर के मामले जो पहले युवा वर्ग में बढ़ते हुए देखे गए थे, अब युवा और वृद्धों दोनों में विश्व स्तर पर बढ़ने की संभावना है। वैश्विक विश्लेषण के अनुसार, युवाओं व वृद्धों में मोटापे के कारण कैंसर के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण शरीर में अतिरिक्त चर्बी से होने वाले हार्मोनल बदलाव, पुरानी सूजन और अन्य मेटाबोलिज्म संबंधी समस्याएं हैं।
कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट और लंदन के इम्पीरियल कालेज के शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि कैंसर के मामलों में वृद्धि के लिए केवल युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले नए अध्ययनों पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाना चाहिए।
यह अध्ययन एनल्स आफ इंटरनल मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसमें 2003 से 2017 तक की वार्षिक कैंसर की घटनाओं का विश्लेषण किया । इसमें पाया गया कि मोटापे से संबंधित पांच कैंसर थायरायड, स्तन, गुर्दा, एंडोमेट्रियल और रक्त (ल्यूकेमिया) 20 से 49 वर्ष के युवाओं और 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यस्कों में बढ़ रहे हैं।